2021 की पहली अमावस्या, कौनसे ख़ास उपाय करे जिससे आकर्षित हो समृद्धि

2021 की पहली अमावस्या, कौनसे ख़ास उपाय करे जिससे आकर्षित हो समृद्धि
First Amavasya of 2021

आज साल की पहली अमावस्या है यानी कि दक्ष अमावस्या। साल की पहली दर्श अमावस्या 12 जनवरी 2021 मंगलवार को है। आज अमावस्या तिथि की शुरुआत दोपहर 12:22 मिनट से होगी और बुधवार 13 जनवरी को सुबह 10:30 मिनट पर अमावस्या तिथि समाप्ति होगी।  

शास्त्रों के अनुसार यह माना जाता है कि दर्श अमावस्या के दिन चांद पूरी तरह से गायब रहता है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सुख समृद्धि एवं परिवार के कल्याण की कामना के लिए अमावस्या के दिन पूजा की जाती है। दर्श अमावस्या का व्रत रखने और चन्द्रमा का पूजन करने से चंद्र देवता की कृपा बरसती है। इससे आपको सौभाग्य और समृद्धि का आशीष मिलता है। कुछ लोग इसे श्राद्ध अमावस्या भी कहते है। इस दिन अपने पूर्वजों को याद करके उनका तर्पण किया जाता है।

आज विष्णु पुराण के अनुसार अमावस्या का उपवास रखने से पितृगण के साथ साथ सूर्य, अग्नि, वायु, ब्रह्मा, इंद्र, रूद्र, अष्टवसु, अश्विनी कुमार, ऋषि तृप्त होकर प्रसन्न होते है तथा सुखी रहने का आशीर्वाद भी देते हैं। आज के लेख में हम आपको अमवस्या पर करने के लिए ख़ास उपाय बता रहे है जिनको करने से आपके घर सुख और समृद्धि आएगी।

दक्ष अमावस्या को कौनसे उपाय करने से समृद्धि आती है:

  • ऐसा माना जाता है कि अमावस्या को दक्षिणाभिमुख होकर दिवगंत पितरों के लिए पितृ तर्पण करना चाहिए।
  • अगर आप कर्ज की समस्या से छुटकारा पाना चाहते है तो ऋणमोचक मंगल स्रोत का पाठ अवश्य करना चाहिए या फिर किसी भी युवा ब्राह्मण सन्यासी से कराए।
  • 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का कम से 108 बार जाप करना शुभ फल प्रदान करता है।
  • ऐसा माना जाता है कि अमावस्या के दिन सूर्य देव को तांबे के लोटे में लाल चंदन, गंगाजल और शुद्ध जल मिलाकर 'ॐ पितृभ्य: नम:' का बीज मंत्र पढ़ते हुए तीन बार अर्घ्य देना बहुत लाभदायक और फलदाई माना जाता है।
  • दक्ष अमावस्या के दिन पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काल तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करे।
  • अगर किसी भी प्रकार के रोग का सामना कर रहे है तो गुड़ व आटा दान करें।
  • इस दिन पितृसूक्त एवं पितृस्त्रोत का पाठ जरूर करे।
  • अगर घर में कलेश रहता है तो शान्ति के लिए जल में लाल मसूर बहाए।
  • विद्या की प्राप्ति हेतु रेवड़ी को मीठे जल में प्रवाहीत करें।

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