8 उपायों से करे सभी वास्तु दोष का निवारण
वास्तु दोष कई प्रकार के होते है। यह घर के अंदर भी हो सकते है और घर के बाहर भी हो सकते है। वास्तु दोष से ऐसे कई तरह के रोग है और शोक है जो उत्पन्न होते है। अगर घर कार्नर का है, तीराहे। चौराहे पर है। या फिर दक्षिण दिशा का घर है या घर के अंदर किसी भी प्रकार का वास्तु दोष है तो आप इन उपायों की मदद से उनसे मुक्त हो सकते है। लेकिन ध्यान रहे कि आप इस बारे में पहले किसी वास्तुशास्त्री या ज्योतिष से बात कर ले।
दक्षिण में है घर का द्वार
अगर आपका घर दक्षिणमुखी है तो यह एक तरह का वास्तु दोष है तो इससे बचने के लिए आप घर के सामने द्वार से दोगुनी दूर पर नीम का एक पेड़ लगाए। दूसरा उपाय यह है कि आप द्वार के ऊपर पंचमुखी हनुमानजी का चित्र लगाए। आप चाहे तो आदमकद दर्पण भी लगा सकते है। वास्तु दोष को समाप्त करने के लिए आप मुख्य द्वार के ऊपर पंचधातु का पिरामिड भी लगा सकते है। आप गणेशजी की पत्थर की दो मूर्तियां बनवाए जिनकी पीठ आपस में जुडी हुई हो। इस जुडी हुई गणेश जी की प्रतिमा को मुख्य द्वार के बीचों बीच चौखट पर फिक्स कर दे। ताकि एक गणेश जी अंदर की तरफ देखे और एक बाहर की तरफ।
अगर एक ही सीध में है द्वार
अगर किसी के घर में मुख्य द्वार के बाद भीतर के द्वार भी एक ही सीध में है तो यह वास्तुदोष निर्मित करता है। ऐसे में वास्तु दोष से बचने के लिए घर के बीच वाले द्वार के मध्य में मोटा सा पर्दा लगाले या फिर विंड चाइम लगा ले। आपके घर में मुख्य द्वार के बाद का हाल या बड़ा कमरा है तो आप इससे बचने के लिए दूसरे दरवाजे के ठीक सामने कुछ दुरी पर प्लाईवुड का एक द्वार बराबर का पाट लगाए और उसके ऊपर कोई अच्छी सी पेंटिंग लगा दे।
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अगर रसोईघर नहीं बना आग्नेय कोण पर
अगर आपकी रसोई आग्नेय कोण में नहीं बनी है तो आप रसोईघर में किचन स्टैंड के उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में ऊपर सिंदूरी गणेशजी की तस्वीर लगाएं या यज्ञ करते हुए ऋषियं की फोटो लगाएं।
कपूर से मिटाए वास्तु दोष
अगर घर के किसी भी स्थान पर वास्तु दोष निर्मित हो रहा है तो वहा पर आप कपूर की दो टिकियां रख दे। जिस समय वह टिकियां खुद ब खुद गलके समाप्त हो जाए तब दूसरी टिकिया रख दे। इस तरह से आप बदलते रहेंगे तो वास्तु दोष निर्मित नहीं होगा।
बाथरूम और टॉयलेट का साथ होना
अगर किसी के घर में बाथरूम और टॉयलेट एक साथ है तो यह भी भयंकर वास्तु दोष उत्पन्न करता है। आप हमेशा इसे स्वच्छ रखे। बाथरूम में हमेशा नीले रंग के मग और बाल्टी ही रखे। एक कटोरे में खड़ा नमक भरकर बाथरूम या टॉयलेट के किसी भी कोने में रखे। अगर आपका शौचालय ईशान कोण में है तो बहुत ही धनहानि और अशांति का कारण बन जाता है।
शयन कक्ष
वैसे तो हम जानते है कि दक्षिण पश्चिमी दिशा में होना चाहिए या फिर उत्तर दिशा भी ठीक है लेकिन अगर शयन कक्ष अग्निकोण में हो तो पूर्व मध्य दीवार पर शांत समुन्द्र का चित्र लगाना चाहिए। हमेशा ध्यान रखे कि सिर पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।
उत्तर पूर्व अर्थत ईशान दिशा
अगर आपके घर में ईशान दिशा में किसी भी प्रकार का दोष है तो आप इस दिशा को खाली करके इस दिशा में पीतल के बर्तन में जल भरकर रख दे या फिर तुलसी का पौधा लगाकर उसमे नित्य जल देते रहे। पीतल के बर्तन का पानी नित्य बदलते रहे।
सुंदर कांड या रामचरित मानस का पाठ करे
अगर आप अपने घर का वास्तु शास्त्र दोष दूर करना चाहते है तो समय समय पर रामचरित मानस का पाठ या सुंदरकांड का पाठ करवाते रहे। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाएगी।
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