हनुमान जयंती के उपलक्ष में जानिए बजरंगबली के चौका देने वाले रहस्य
हनुमान जी के बारे में कौन नहीं जानता। उनकी माया और पराक्रम के बारे में सब जानते है। रामभक्त हनुमानजी सर्वशक्तिमान और सर्वमान्य और सर्वज्ञ है। ऐसा माना जाता है कि प्रभु श्रीराम का जन्म 5114 ईसा पूर्व अयोध्या में हुआ था। लेकिन हनुमानजी का जन्म कहा हुआ था इस बात का स्पष्टीकरण कही नहीं है। ऐसा माना जाता है कि हनुमानजी का जन्म किष्किंधा में हुआ था।
हनुमान जी के रहस्य-
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हनुमान जयंती को उत्तर भारत में अलग और दक्षिण भारत में अलग तिथि को मनाई जाती है। हर साल हनुमान जयंती तमिलनाडु और केरल में हनुमान जयंती मार्गशीष माह की अमावस्या को और उड़ीसा में वैशाख महीने के पहले दिन मनाई जाती है।
- ऐसी मान्यता है कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र पूर्णिमा को मेष लग्न और चित्रा नक्षत्र में प्रातः 6:03 बजे हनुमानजी का जन्म एक गुफा में हुआ था। इसका मतलब यह है कि चैत्र माह में उनका जन्म हुआ था। इसका मतलब है उनका जन्म ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक मार्च या अप्रैल के बीच।
- वाल्मिकी रचित रामायण के अनुसार हनुमानजी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन, स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था। अर्थात सितम्बर और अक्टूबर के बीच में हनुमान जयंती आती है।
- कहते है कि एक तिथि यानि कि चैत्र माह को विजय अभिनंदन महोत्सव के रूप में जबकि दूसरी तिथि कार्तिक को जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि पहली तिथि के अनुसार इस दिन ही हनुमानजी सूर्य को फल समझकर खाने के लिए दौड़े थे। उसी दिन राहु भी सूर्य को अपना ग्रास बनाने के लिए आया हुआ था। लेकिन हनुमान जी को देखकर सूर्यदेव ने उन्हें दूसरा राहु समझ लिया था। इस दिन चैत्र माह की पूर्णिमा थी जबकि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को उनका जन्म हुआ हुआ था।
- दूसरी मान्यता यह है कि माता सीता ने हनुमानजी की भक्ति और समर्पण को देखकर उनको अमरता का वरदान दिया था। यह दिन नरक चतुर्दशी का दिन था।
- हनुमानजी का जन्म हिन्दू पंचांग के अनुसार दो तिथियों को मनाया जाता है। पहला चैत्र माह की पूर्णिमा को दूसरे कार्तिक माह की चतुर्दशी को।
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