वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसे करे ड्राइंग रूम की सजावट
वास्तु शास्त्र हमारे जीवन में बहुत अहम् भूमिका निभाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कोई भी भवन खरीदों या किसी भी जगह की सजावट करो तो वह वास्तु शास्त्र के अनुसार होनी चाहिए। अगर हम बात करे घर के मुख्य कक्ष या ड्राइंग रूम की तो यह वास्तु अनुसार होना चाहिए। यह कक्ष ऐसा होता है जहा हम अपने परिवार वालों के साथ, ख़ास मित्रों एवं लोगो के साथ समय गुजारते है।
यह बात अक्सर कई लोगों ने नोटिस की होगी कि जब हम किसी के ड्राइंग रूम में जाते है तो हमे अच्छा लगता है वही कभी किसी के ड्राइंग रूम में हमे अच्छे महसूस नहीं होता है। क्या आप जानते है इसके पीछे का क्या कारण है। ऐसा आखिर क्यों होता है।
ड्राइंग से जुड़े हुए कुछ वास्तु टिप्स:
- ड्राइंग रूम में हर चीज का ख़ास ध्यान रखना चाहिए, चाहे वह रोशनी हो, घड़ी, कैलेंडर या कोई तस्वीरें हो।
- इस बात का ख़ास ध्यान रखना चाहिए कि अध्ययन कक्ष, बेडरूम तथा कोई भी अन्य कक्ष के भीतरी भाग बैठक से नजर नहीं आने चाहिए।
- अगर आपके बैठक कक्ष से अध्ययन कक्ष की मेज और काम के अन्य उपकरण दिखाई देने से भी बैठक कक्ष में तनाव बढ़ता है।
- आज कल लोग मकान का निर्माण कराते समय या बना बनाया मकान या फ्लैट खरीदते समय वास्तु का अधिक ध्यान रखते है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि मकान में प्रवेश करते समय उसकी सजावट करते वक़्त वास्तु और फेंगशुई भूल जाते है।
- कोई सा भी कक्ष हो चाहे बैठक कक्ष हो या शयन कक्ष हो, वहा पड़े हुए सारे सामान मिलकर ही वास्तु का प्रभाव तय करते है। जबकि सोफा, टेबल, आदि, फर्नीचर का आकर, दीवारों की सजावट, चित्र, कितनी रोशनी आ रही है कमरे में यह सब वास्तु प्रभाव को तय करते है।
- वास्तु के अनुसार दरवाजे के ऊपर कैलेंडर या बंद घडी नहीं लगानी चाहिए क्योकि इससे ऊर्जा प्रभावित होती है।
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