अगर चन्द्रमा पांचवे भाव में है तो बरते यह सावधानियां बरते
चंद्रमा वृषभ में उच्च, वृश्चिक में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में चंद्रमा बली और दसवें भाव में मंदा होता है। शनि की राशियों में चंद्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां पांचवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
इस भाव पर सूर्य और केतु प्रभाव भी रहेगा। यदि केतु सही स्थान पर बैठा है और फायदेमंद है तो जातक के पांच पुत्र होंगे चाहे चंद्रमा किसी अशुभ ग्रह के प्रभाव में ही क्यों न हो। जातक हमेशा सही तरीके से पैसा कमाने की कोशिश करेगा। वह व्यापार में तो अच्छा नहीं कर पाएगा लेकिन निश्चित रूप से सरकार की ओर से सम्मान और सहयोग प्राप्त करेगा। जातक दूसरों के कल्याण के लिए अनेक उपाय करेगा लेकिन दूसरे उसके लिए अच्छा नहीं करेंगे।
चंद्र की सावधानियां :
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लालच और स्वार्थ से बचें।
- अपनी योजनाओं को गुप्त रखें।
- अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें।
- माता और पिता का अपमान न करें।
- अन्य की सलाह मानकर अधिक काम नहीं करने चाहिए।
क्या करें :
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लोगों की सेवा करें।
- एकादशी का व्रत रखें।
- सूर्य के उपाय करें।
- बच्चों की अच्छे से परवरिश करें।
- धर्म कर्म के कार्य करेंगे तो बरकत बरकरार रहेगी।
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