क्या आपके घर में भी है उजालदान जानिए कुछ ख़ास बाते
इस बात से तो सब वाकिफ है कि घर में खिड़की तो सबके होती है। घर में खिड़की होने के अलावा अक्सर घरों में उजालदान भी होता है। कुछ लोग इन उजालदान को वातायन, हवादार, संवातन या वेंटिलेशन भी कहते हैं। जैसा कि हम जानते है कि वेंटिलेशन कई प्रकार के होते हैं। यह अक्सर दरवाजे के ऊपर, खिड़की के ऊपर या दीवार में कहीं छत से लगा होता है। इसका वास्तु अनुसार और मजबूत होना जरूरी होता है। आज के लेख में हम आपको बताएगे कि घर के उजालदान से जुडी हुई कौनसी ख़ास बाते है और वास्तु के अनुसार ख़ास बाते:
1. घर की छत में किसी भी प्रकार का उजालदान न हो। जैसे आजकल घर की छत में लोग दो-बाइ-दो का एक हिस्सा खाली छोड़ देते हैं उजाले के लिए। इससे घर में हमेशा हवा का दबाव बना रहेगा, जो सेहत और मन-मस्तिष्क पर बुरा असर डालेगा। यदि उजालदान बनाना ही है तो किसी वास्तुशास्त्री से पूछकर बनाएं।
2. घर की वायव्य, उत्तर, ईशान और पूर्व दिशा के उजालदान ही सही होते हैं। वायव्य दिशा में हवा के लिए और पूर्व दिशा में उजाले के लिए उजालदान बनाते हैं।
3. रसोई घर में उजालदान निश्चित ही बनाना चाहिए, ताकि उसका ताप और धुआं बाहर निकल सके।
4. बाथरूम और टॉयलेट में उचित दिशा में छत से लगे हुए उजालदान होना चाहिए।
5. आग्नेय, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में उजालदान नहीं बनाना चाहिए। आग्नेय में रसोईघर है तो उजालदान उचित दिशा में बना सकते हैं।
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