जन्माष्टमी के अवसर पर जाने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से जुडी रोचक बातें
इस साल जन्माष्टमी 12 अगस्त 2020 को मनाई जाएगी जाएगी। दुर्गा, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, राम और कृष्ण यह छह हिन्दू धर्म के आधार स्तंभ है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म युग के मान से द्वापर के अंत में हुआ था, जबकि ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार उनका जन्म 3112 ईसा पूर्व हुआ था। आज के लेख में जानिए श्री कृष्ण के जन्म से रोचक बाते।
- भविष्यवाणी के अनुसार भगवान विष्णु को श्री कृष्ण के रूप में देवकी के गर्भ से उनके आठवें पुत्र के रूप में जन्म लेना था तो ऐसा ही हुआ।
- पौराणिक कालमान से विष्णु ने अपने 8वें अवतार के रूप में 8वें मनु वैवस्वत के मन्वंतर के 28वें द्वापर में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की रात्रि के 7 मुहूर्त निकल गए और 8वां उपस्थित हुआ तभी आधी रात के समय सबसे शुभ लग्न उपस्थित हुआ। उस लग्न पर केवल शुभ ग्रहों की दृष्टि थी। रोहिणी नक्षत्र तथा अष्टमी तिथि के संयोग से जयंती नामक योग में लगभग 12 बजे अर्थात शून्य काल में जन्म लिया था।
- पुरातात्विक तथ्यों आदि के आधार पर कृष्ण जन्म और महाभारत युद्ध के समय का सटीक वर्णन किया है। उनके अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म लगभग 3112 ईसा पूर्व हुआ था। आर्यभट्ट के अनुसार महाभारत युद्ध 3137 ईपू में हुआ। इस युद्ध के 35 वर्ष पश्चात भगवान कृष्ण ने देह छोड़ दी थी तभी से कलियुग का आरंभ माना जाता है। उनकी मृत्यु एक बहेलिए का तीर लगने से हुई थी। तब उनकी उम्र लगभग 108 थी। हालांकि कुछ विद्वान 119 बताते हैं।
- जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तब भारी बारिश हो रही थी और यमुना नदी में उफान था। उनके माता और पिता को उनकी मृत्यु का डर था। अंधेरा भी भयंकर था, क्योंकि उस वक्त बिजली नहीं होती थी।
- जब कृष्ण का जन्म हुआ तो जेल के सभी संतरी माया द्वारा गहरी नींद में सो गए। उस बारिश में ही वसुदेव ने नन्हे कृष्ण को एक सूपड़े में रखा और उसको लेकर वे जेल से बाहर निकल आए और किसी चमत्कार से यमुना पार करने के बाद कृष्ण को यशोदा के पालने में छोड़ आए और वहां से उस वक्त जन्मी उनकी बालिका को उठा लाए और पुन: जेल के दरवाजे स्वत: ही बंद हो गए।
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