जानिए आखिर क्यों गंगा का पानी कभी अशुद्ध नहीं होता?
ऐसा माना जाता है कि गंगा में स्नान करने से सारे पाप धूल जाते है। गंगा नदी के जल को बहुत पवित्र माना जाता है। इसके जल को प्रत्येक हिन्दू अपने घर में रखता है। ऐसा कहा जाता है कि गंगा नदी दुनिया की एकमात्र नदी है जिसका जल कभी सड़ता नहीं है। वेद, पुराण, रामायण महाभारत सब धार्मिक ग्रंथों में गंगा की महिमा का वर्णन है।
कैसे गंगा का जल पवित्र रहता है ?
कुछ लोगों के अनुसार नदी के जल में मौजूद बैक्टीरियोफेज नामक जीवाणु गंगाजल में मौजूद हानिकारक सूक्ष्म जीवों को जीवित नहीं रहने देते अर्थात ये ऐसे जीवाणु हैं, जो गंदगी और बीमारी फैलाने वाले जीवाणुओं को नष्ट कर देते हैं। इसके कारण ही गंगा का जल नहीं सड़ता है। मतलब यह कि वैसे जीवाणु इसमें जिंदा नहीं रह पाते हैं जो जल को सड़ाते हैं।
भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदी गंगा का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। इसका जल घर में शीशी या प्लास्टिक के डिब्बे आदि में भरकर रख दें तो बरसों तक खराब नहीं होता है और कई तरह के पूजा-पाठ में इसका उपयोग किया जाता है। ऐसी आम धारणा है कि मरते समय व्यक्ति को यह जल पिला दिया जाए तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगा जल में प्राणवायु की प्रचुरता बनाए रखने की अदभुत क्षमता है। इस कारण पानी से हैजा और पेचिश जैसी बीमारियों का खतरा बहुत ही कम हो जाता है, लेकिन अब वह बात नहीं रही। हालांकि इस पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
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