जून माह में कब लग रहा है पंचक काल जानिए इस काल में क्या- क्या करे?

जून माह में कब लग रहा है पंचक काल जानिए इस काल में क्या- क्या करे?
Panchak Kaal 2020

10 जून की मध्यरात्रि के बाद 3.40 मिनट से पंचक काल शुरू हो रहा है जोकि 15 जून मध्यरात्रि के बाद 3.18 मिनट तक जारी रहेगा। जैसा की हम जानते है की हिंदू संस्कृति में हर खास कार्य को मुहूर्त देखकर करने का विधान है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है 'पंचक'। ग्रंथों के अनुसार जब भी कोई कार्य प्रारंभ किया जाता है तो उसमें शुभ मुहूर्त के साथ पंचक का भी विचार किया जाता है। पंचक काल को शुभ नहीं माना जाता है। इस समय किए गए कार्य हानिकारक फल देते हैं, अत: इस नक्षत्र का योग अशुभ माना जाता है।

ज्योतिष शास्त्र में धनिष्ठा से रेवती तक जो 5 नक्षत्र (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती) होते हैं, उन्हे पंचक कहा जाता है। पंचक के इन 5 दिनों में विशेष संभलकर रहने की आवश्यकता होती है, अत: पंचक के दौरान कोई भी जोखिमभरा कार्य करने से बचना चाहिए। साथ ही पंचक के दौरान कोई भी शुभ काम करने से परहेज करना चाहिए।

आज के लेख में हम आपको बताएगे पंचक से जुडी हुई कुछ ख़ास बाते।

  • पंचक में कुछ शुभ कार्य कर सकते हैं जैसे - पंचक में आने वाला उत्तराभाद्रपद नक्षत्र वार के साथ मिलकर सर्वार्थसिद्धि योग बनाता है, वहीं शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र और धनिष्ठा यात्रा, व्यापार, मुंडन आदि शुभ कार्यों में श्रेष्ठ माने गए हैं।
  • अगर इन दिनों घर के मकान की छत डलवाना जरूरी हो तो पहले मजदूरों को मिठाई खिलाएं, उसके उपरांत ही छत डलवाने का कार्य शुरू करें।
  • रेवती नक्षत्र के पंचक में मानसिक कष्ट बढ़ने की प्रबल संभावना होती है।
  • अगर किसी कारणवश पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करना ही पड़ें तो हनुमान मंदिर में 5 फल चढ़ाकर यात्रा शुरू करें।
  • पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के पंचक में रोग होने की संभावना काफी होती है।
  • पंचक में अगर ईंधन इकट्ठा करना जरूरी हो तो पंचमुखी दीपक (आटे से निर्मित, तेल से भरकर) शिवजी के मंदिर में जलाएं, उसके बाद ईंधन खरीदें। अभी लॉकडाउन का समय चल रहा है, ऐसे समय में घर के पूजा घर में आप पंचमुखी दीया जलाकर शुभ फल पा सकते हैं।
  • किसी रिश्तेदारी में शव दहन का समय हो या घर में अचानक किसी की मृत्यु हो गई हो तो पंचक होने के कारण शव दहन के समय 5 अलग पुतले बनाकर उन्हें अवश्य जलाएं। तत्पश्चात दाह संस्कार करें।
  • उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के पंचक में धन हानि होने और कष्ट मिलने की संभावना होती है।
  • अगर घर में शादी का शुभ समय आ गया है और समय की कमी है तब लकड़ी का सामान खरीदना जरूरी हो तो गायत्री हवन करवा कर लकड़ी का फर्नीचर, पलंग तथा अन्य वस्तुएं की खरीदारी कर सकते हैं।
  • शतभिषा नक्षत्र में घर या पारिवारिक लोगों में कलह होने की संभावना होती है।

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