रामचरित मानस की कुछ ऐसी पंक्तियां जो की कर सकती है हर समस्याओ का समाधान
1) रामचरित मानस –
तुलसीदास के द्वारा कथित रामचरित मानस जो की अपने आप मे एक अद्भुत और बहुत शाब्दिक ग्रंथ है जसकी हर एक बात मंत्र की तरह सिद्ध होती है जो की एक आपके मन को पवित्र व् खूबसूरत बनाती है और इसके साथ - साथ अपने मन और शरीर म पवित्रता और एक पावन ऊर्जा का एहसास कराती है|
2) इच्छा –
मनुष्य का जीवन महत्वकांशाओ व इच्छाओ से पूरित होता है| कुछ इच्छाए ऐसी होती है जिसके लिए वो सपने देखता हो या फिर दिन रात मेहनत करता है इन्हे पूरा करने के लिए|
3) भौतिक जरूरत –
अधिकतर लोगो की इच्छाए उनकी जरूरतो पर निर्भर होती है जैसे की घर - भार, धन की प्राप्ति, उचाईया, लक्ष्य प्राप्ति, प्रेम वृद्धि, व आदि और अतिरिक्त। रामचरित एक ऐसा ग्रन्थ है जिसमे कथित चौपाइयां व उनके पथ से साडी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है|
4) धन प्राप्ति हेतु –
जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं। सुख सम्पत्ति नानाविधि पावहिं।
5) सुख प्राप्ति हेतु –
सुनहि विमुक्त बिरत अरू विबई। लहहि भगति गति संपति नई।
6) विद्या और ज्ञान प्राप्ति हेतु –
“गुरु ग्रह गए पढ़न रघुराई। अलपकाल विद्या सब आई।। छिति जल पावक गगन समीरा। पंचरचित अति अधम शरीरा।।”
7) विचार शुद्धि हेतु –
ताके जुग पद कमल मनावऊं। जासु कृपा निरमल मति पावऊं।।
8) यात्रा की सफलता हेतु –
“प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। हृदय राखि कौशलपुर राजा।।”
9) शत्रुओं से मुक्ति हेतु –
“गरल सुधा रिपु करहि मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई।।”
10) प्रेम वृद्धि हेतु –
सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीती।।
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