10 आसान उपायों से करे अपना मांगलिक दोष दूर

मंगल का परिचय कैसे किया जाता है?
मेष एवं वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल मकर में उच्च का और कर्क में नीच का माना जाता है। सूर्य एवं बुद्ध मिलकर मंगल नेक बन जाते है। इसी के साथ सूर्य और शनि मिल कर मंगल बद बन जाते है। गुरु मित्र के साथ में बलवान बन जाते है। राशि प्रथम भाव है और बुध और केतु शत्रु। शुक्र, शनि और राहु सम। मंगल के साथ शनि अर्थात राहू। नेक मंगल हनुमानजी और बद मंगल वीरभद्र या जिन्न की तरह होते हैं।
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मांगलिक दोष
जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में से किसी भी एक भाव में है तो यह मांगलिक दोष कहलाता है। ऐसे विद्वान है जो कि इस दोष को तीनों लग्नों यानी कि वह लग्न के अतिरिक्त चंद्र लग्न, सूर्यलग्न और शुक्र से भी देखते है। ऐसा माना जाता है कि मांगलिक दोष वाले जातक की पूजा वर एवं कन्या का विवाह किसी मांगलिक दोष वाले जातक के साथ ही करना आवश्यक है।
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मांगलिक दोष दूर करने के उपाय
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रोजाना सुबह हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए।
- 43 दिनों तक सफ़ेद सुरमा आँखों में लगाना चाहिए।
- नीम के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
- गुड़ खाना एवं खिलाना चाहिए।
- अपने क्रोध पर काबू और चरित्र को उत्तम रखना चाहिए।
- मास और मदिरा से दूर रहना चाहिए।
- भाई बहन और पत्नी पत्नी आपस में अच्छे संबंध रखे।
- पेट एवं खून को साफ़ रखे।
- मंगलनाथ उज्जैन में भात पूजा कराए।
- अगर किसी का विवाह नहीं हुआ है तो उससे पहले कुंभ विवाह करे।
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