जानिए हर वार के हिसाब से राहु काल का समय?
भारतीय ज्योतिष में नौ ग्रह गिने जाते हैं, सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु। जिसमें राहु, राक्षसी सांप का मुखिया है जो हिन्दू शास्त्रों के अनुसार सूर्य या चंद्रमा को निगलते हुए ग्रहण को उत्पन्न करता है। राहु तमस असुर है। राहु का कोई सिर नहीं है और जो आठ काले घोड़ों द्वारा खींचे जाने वाले रथ पर सवार हैं।
ज्योतिष शास्त्र में राहुकाल से जुड़े सभी रहस्य बताए गए हैं। इसी के साथ आज हम यह भी बताने जा रहे हैं कि किस दिन, किस समय पर राहुकाल के कारण हमें शुभ कार्य नहीं करने चाहिए।
दरअसल, ज्योतिष शास्त्र में राहु को छाया ग्रह माना जाता है और यह ग्रह अशुभ फल देता है, इसलिए इसके सूतक का समय शुभ नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही सूर्योदय से सूर्यास्त तक के आठवें भाग का स्वामी राहु है और इसे राहुकाल कहा जाता है। यह प्रत्येक दिन 90 मिनट का एक निश्चित समय है, जिसे राहुकाल कहा जाता है। तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आइए हम आपको बताते हैं हर दिन के राहुकाल।
ज्योतिष में राहु काल को अशुभ माना जाता है। अत: इस काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते है। यहां आपके लिए प्रस्तुत है सप्ताह के दिनों पर आधारित राहुकाल का समय, जिसके देखकर आप अपना दैनिक कार्य कर सकते हैं।
यहां आपके लिए प्रस्तुत है वार के अनुसार राहु काल का समय
रविवार : सायं 4:30 से 6:00 बजे तक।
सोमवार : प्रात:काल 7:30 से 9:00 बजे तक।
मंगलवार : अपराह्न 3:00 से 4:30 बजे तक।
बुधवार : दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक।
गुरुवार : दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक।
शुक्रवार : प्रात:10:30 से दोपहर 12:00 तक।
शनिवार : प्रात: 9:00 से 10:30 बजे तक।
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