नवरात्र के पांचवे दिन करें मां स्कंदमाता की आराधना
नवदुर्गा का पांचवां स्वरूप और शक्ति स्कंदमाता का है। कार्तिकेय (स्कन्द) की माता होने के कारण इनको स्कंदमाता कहा जाता है। इनको पद्मासना देवी भी कहा जाता है. इनकी गोद में कार्तिकेय भी बैठे हुए हैं। स्कंदमाता पूजा से कार्तिकेय की पूजा स्वयं हो जाती है। तंत्र साधना में माता का सम्बन्ध विशुद्ध चक्र से है। ज्योतिष में इनका सम्बन्ध बृहस्पति नामक ग्रह से है. इस बार मां के पांचवे स्वरूप की पूजा 29 मार्च यानी आज हो रही है।
जानिए स्कंदमाता की पूजा से क्या लाभ होंगे?
स्कंदमाता की पूजा से संतान की प्राप्ति सरलता से हो सकती है।
इसके अलावा अगर संतान की तरफ से कोई कष्ट है तो उसका भी अंत हो सकता है।
स्कंदमाता की पूजा में पीले फूल अर्पित करें तथा पीली चीज़ों का भोग लगाएं। अगर पीले वस्त्र धारण किएं जाएं तो पूजा के परिणाम अति शुभ होंगे।
इसके बाद जो भी प्रार्थना है, विशेषकर संतान सम्बन्धी, करें।
यह भी पढ़िए
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा और पाए स्वास्थ्य के वरदान
नवरात्रि के तीसरे दिन करे मां चंद्रघंटा की उपासना, जानिए पूरी विधि
नवरात्रि के दूसरे दिन करे माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा आराधना
Like and Share our Facebook Page.
Comments (0)